चीन में इस कांच के ब्रिज पर लोगों ने खूब बरसाए हथौड़े, फिर क्या?




बीजिंग। चीन में बना दुनिया का सबसे लंबा शीशे का ब्रिज पहली परीक्षा में पास रहा। इस ब्रिज को सुरक्षित और मजबूत साबित करने के लिए इंजीनियरों ने अलग तरीका निकाला। उन्होंने हाल ही में बने इस शीशे के ब्रिज को हथौड़े से तोड़ने के लिए लोगों को आमंत्रित किया। इसपर करीब 30 लोगों ने जोर-आजमाइश की। फिर क्या हुआ...
लोगों ने साढ़े पांच किलो वजनी हथौड़े से ताबड़तोड़ हमले किए। लेकिन शीशा नहीं टूटा, उस पर सिर्फ स्क्रैच आया। इसके अलावा दो टन वजनी गाड़ी भी इसके ऊपर से गुजारी गई। कई राउंड लगाए। यह ब्रिज झॉन्गजियाजी प्रांत में दो पहाड़ों के बीच 984 फीट की ऊंचाई पर बना है। इसकी लंबाई 1410 फीट है। इस टेस्टिंग में सफल रहने के साथ ही इसे आम लोगों और पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।
सबसे लंबा शीशे का ब्रिज, ग्लास की मोटाई 3 मीटर
यह ब्रिज तीन लेयर में बना हुआ है। इसमें लगे ग्लास की मोटाई तीन मीटर से साढ़े चार मीटर तक की है। इसमें अल्ट्रा सुपर ग्लास लगाए गए हैं।
आगे की स्लाइड्स में देखें इससे जुड़े कुछ और फोटोज...


ग्लास ब्रिज को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश करता एक शख्स।
ग्लास ब्रिज को हथौड़े से तोड़ने की कोशिश करता एक शख्स।












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यहां 100 सालों से हो रही है मछलियों की बारिश!

आपने अभी तक आसामान से सिर्फ पानी की बारिश होते ही देखा होगा। लेकिन क्या आपने आसामान से मछलियों की बारिश होते हुए देखी है क्या। जी हां एक....

मैकिसको। आपने अभी तक आसामान से सिर्फ पानी की बारिश होते ही देखा होगा। लेकिन क्या आपने आसामान से मछलियों की बारिश होते हुए देखी है क्या।

जी हां एक ऐसा शहर है जहां आसमान से मछयों की बारिश होती है। यहां एक दो बार नहीं बल्कि 100 सालों से मछलियों की बारिश हो रही है।


आपको ये अजूबा लग रहा होगा लेकिन यहां के लोगों के लिए मछिलयों की बारिश आम बात है। यह शहर मैक्सिको के पास स्थित होंडूरास है। दरअसल होंडूरास शहर अटलांटिक सागर से मात्र 200 किमी की दूरी पर स्थित है।


यहां मछयों की बारिश का कारण वैज्ञानिक अटलांटिक सागर को ही मानते हैं। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि यहां 18 वीं शताब्दी में लोगों की आर्थिक हालत खराब होने की वजह से लोग भूख से मर रहे थे।


तब एक संत ने यहां लोगों का दुख देखकर 3 दिनों तक प्रार्थना की और उनकी प्रार्थना की वजह होंडूरास में बारिश होने लगी।

लेकिन इस बारिश में मछलियां गिर रही थी और तभी से ही यहां बारिश के दौरान मछलियां गिरती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां पिछले करीब 100 वर्षों से यहां मछलियों की बारिश हो रही है।

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फोन में बैलेंस ना होने पर भी अब होगी कॉल !




अगर आपके फोन में बैलेंस नहीं है और आपको कोई जरूरी कॉल करनी है और आस-पास को व्यक्ति भी नहीं जिससे आप फोन मांग सके तो घबराए मत एक नयी मोबाइल एप्प नानू मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों पर मुफ्त कॉल सेवा प्रदान कर रही है।नानू अपनी सेवा का प्रयोग करने वाले लोगों को हर रोज कहीं भी एक सीमा में मुफ्त कॉल करने की सुविधा देता है। यह सेवा मोबाइल और लैंडलाइन दोनों नंबरों पर उपलब्ध है। इस सुविधा का लाभ वो लोग भी उठा सकते हैं जिन्होंने उसकी एप्प को इंस्टाल भी नहीं किया है।
हालांकि इस सेवा का दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने ट्राई और सरकार के समक्ष विरोध किया है।नानू के प्रमुख मार्टिन नैगेट ने कहा कि यदि आप भारतीय टेलीग्राफ कानून को देखे तो उसके अनुसार आप इंटरनेट पर किसी भी प्रकार के डेटा का ट्रांसमिशन कर सकते हैं जो कि संचार के स्वरूप में हो। यह पूरी तरह वैध है क्योंकि इसका नियमन दूरसंचार लाइसेंस के तहत नहीं होता। अगर आप इस संदर्भ में देखें तो कानून का यह क्षेत्र अस्पष्ट है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नेट निरपेक्षता के मुद्दे पर सलाह लेने की प्रक्रिया शुरू की हुई है और इसमें मोबाइल एप्लीकेशन से कॉल करने की सुविधा पर भी बात की गई है। मई में मोबाइल सेवा प्रदाताओं की संस्था सीओएआई ने दूरसंचार विभाग से कहा था कि वह एप्प के माध्यम से कॉल करना रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाएं क्योंकि यह नियमों के विरूद्ध है

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5 जगहें, जहां नहीं होती रात, 24 घंटे रहता है सूरज




सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन यह सच है। पृथ्वी का सूरज के इर्द-गिर्द चक्कर लगाने का तरीका कुछ ऐसा है कि इसका कुछ हिस्सा हमेशा सूर्य के सामने ही रहता है। जिसके चलते इन देशों के कुछ हिस्सों में हर वक्त दिन का उजाला ही रहता है। जानिए कब-कब होता है ऐसा...
नॉर्वे 
यह देश आर्कटिक सर्कल के अंदर आता है। इसे मध्य रात्रि का देश भी कहा जाता है। मई से जुलाई के बीच करीब 76 दिनों तक यहां सूरज अस्त नहीं होता है। 
जानिए यह भी- नॉर्वे के एक टाउन में 100 सालों से नहीं दिखा सूर्य
दिलचस्प बात ये है कि नॉर्वे में एक ऐसा टाउन भी है जहां 100 सालों से सूर्य नहीं दिखा। कारण ये है कि यह अजीब तरह से पहाड़ों से घिरा है। हालांकि, वहां के इंजीनियर्स ने कुछ वक्त पहले इसका अनोखा हल निकाला। इंजीनियर्स ने कुछ शीशे की मदद से 'नया सूरज' ही बना डाला।
इसे पहाड़ी पर इस तरह से लगाया गया है कि वह धूप को शहर तक पहुंचाता है और ये खुद एक सूरज के जैसे लगता है। इसकी रोशनी सीधे टाउन स्कवायर पर पड़ती है जिस कारण से दिन के समय रोज यहां लोगों की अच्छी खासी भीड़ जमा रहती है।

आगे की स्लाइड्स में देखिए ऐसी और जगहें...

नॉर्वे की फोटो।
नॉर्वे की फोटो।



कनाडा
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश अर्से तक बर्फ से ढका रहता है। हालांकि यहां के उत्तरी-पश्चिमी हिस्से में गर्मी के दिनों में 50 दिनों तक सूरज लगातार चमकता रहता है। 


आइसलैंड 
ग्रेट ब्रिटेन के बाद यह यूरोप का सबसे बड़ा आईलैंड है। यहां 10 मई से जुलाई के अंत तक सूरज नहीं डूबता है। यहां बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। 




अलास्का 
अलास्का अपने खूबसूरत ग्लेशियर के लिए जाना जाता है। यहां मई से जुलाई के बीच करीब 1440 घंटे का एक ही दिन होता है। उस दौरान सूरज डूबता ही नहीं। 


फिनलैंड 
हजारों झीलों और आइलैंड्स से सजा हुआ यह देश काफी सुंदर और आकर्षक है। गर्मी के मौसम में यहां करीब 73 दिनों तक सूरज अपनी रोशनी बिखेरता रहता है।

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