स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देखिये बटवारे के समय की दिल दहला देने वाली तस्वीरे

जी हाँ बंटवारे का नाम सुनते ही हर किसी का दिल रोने भी लग जाता है क्योकि यह था ही ऐसा समय जब आँख खोलो सामने लाशो के ढेर दीखते थे..अाजादी अपने साथ-साथ भारत के लिए काले दिन भी लेकर आई। अाप तो जानते है कि भारत और पाकिस्तान बंटवारे के दौरान लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी.
जिसमें बगाल और पंजाब में हुए दंगों ने सबसे खतरनाक रूप लिया था। इस दंगे-फसाद में कई घर और परिवार बिखर कर रह गए। कहीं कलकत्ता में 72 घंटों के भीतर छह हजार से अधिक लोग मारे गए और कहीं 20 हजार से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए थे । वहीं दूसरी तरफ एक लाख से अधिक कलकत्तावासी बेघर हो गए थे.
भारत की अाजादी से पहले मुस्लिम लोगों द्वारा 'डायरेक्ट एक्शन डे की घोषणा 16 अगस्त 1947 में कलकत्ता में भीषण दंगे शुरू हो गए। वहीं 'सीधी कार्रवाई' मुस्लिम लीग का अभियान था जो पाकिस्तान के लोगों ने अपने मांगे पूरी करने के लिए शुरू किया था । फिर लीग के नाम पर कलकत्ता के अलावा, बंगाल-बिहार की सीमा में दंगे होने लगे। गांधी जी ने बंगाल व बिहार के दंगा वाले इलाकों का दौरा किया। इसके शिकार हुए लोगों को दिलासा दिया और शरणार्थियों के पुनर्वास का प्रयास किया और लोगों को दिलासा दिया, जिसमें गांधी जी पर दोनों समुदायों ने आरोप लगाए लेकिन उनकी बातों का कोई असर ना हुअा। अाखिर सितंबर 1947 में उनके उपवास ने कलकत्ता में दंगे बंद करवा दिए।





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