21वीं सदी के 7 सबसे भयानक हादसे, जिन्होंने तबाह की लोगों की LIFE

प्राकृतिक आपदाएं अचानक आती हैं, जो  बड़े नुकसान का कारण बनती हैं। इसमें प्राकृतिक चीजों के नुकसान के साथ ही जान-माल का भी नुकसान होता है। अक्सर ये घटनाएं भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, बाढ़, लैंडस्लाइड, तूफान के कारण आती हैं। यहां हम 21वीं सदी की कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो विनाश का कारण बनी। 3 लाख से ज्यादा लोग मरे थे इस भूकंप में...
 
हैती भूकंप 2010
12 जनवरी 2010 को हैती में विनाशकारी भूकंप आया था। रिएक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.0 थी। इसमें हुए विनाश के कारण इसे 21वीं सदी का सबसे खतरनाक भूकंप माना जाता है। इसमें 316,000 लोगों के मरने के साथ ही 250,000 घर और बिजनेस सेंटर बर्बाद हो गए थे। 
 
आगे की स्लाइड्स पर जानिए ऐसे ही अन्य हादसों के बारे में...


 
इंडियन ओसियन सुनामी 2004 
9 रिएक्टर की तीव्रता वाले भूकंप को 26 दिसंबर को इंडियन ओशियन में आने वाली सुनामी का कारण माना जाता है। इस भूकंप से हिरोशिमा में बम गिरने जितने एनर्जी निकली थी। सुनामी में 14 देशों में अलग - अलग 230,000 लोगों की डेथ हुई थी। यह घटना हिस्ट्री की सबसे दर्दनाक घटना थी। यह दुनिया का सबसे देर के लिए आने वाला भूकंप था। यह 8.3 रिएक्टर की तीव्रता से 10 मिनट के लिए आया था। 

कैटरीना तूफान 2005 
2005 में आया कैटरीना खतरनाक तूफान था जिसने फ्लोरिडा को प्रभावित किया था। सबसे ज्यादा डैमेज्ड टाउन मिसिसिप्पी था। इसके साथ ही न्यू ओरलेंस, गल्फपोर्ट, बिलोक्सी भी काफी डैमेज्ड हुए थे। इस तूफान से आने वाली बाढ़ में 1833 लोग मारे गए थे। इसके साथ ही खरबों रुपए की प्रॉपर्टी डैमेज हुई थी।       

 
गुजरात भूकंप 2001 
गुजरात में 7.6 और 7.7 तीव्रता से तेज भूकंप आया था। 26 जनवरी 2001 में 2 मिनट के लिए आए इस भूकंप में 19,727 लोग मारे गए और 167,000 लोग घायल हुए। 400,000 घर पूरी तरह से मलबे में बदल गए। कई टूरिस्ट और हिस्टोरिकल प्लेस बर्बाद हो गए। अरबों रुपए की प्रॉपर्टी खत्म होने के साथ ही कई लोग लापता हो गए थे। 

कश्मीर भूकंप 
8 अक्टूबर 2005 में पाकिस्तानी रीजन के आजाद कश्मीर में भूकंप आया था। इससे मुजफ्फराबाद और खैबर पख्तूनख्वा के साथ ही भारत का जम्मू और कश्मीर एरिया बुरी तरह प्रभावित था। यह तीव्र भूकंप था। इस भूकंप ने अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और चीन को भी प्रभावित किया था। पाकिस्तानी आंकड़ों के अनुसार इसमें 100,000 लोग मारे गए थे और 70,000 लोगों के घायल होने के साथ ही और 40 लाख लोग बेघर हो गए थे।

 
साइक्लोन नरगिस
मई 2008 में म्यांमार में 40 किलोमीटर की रफ्तार से आने वाला तूफान 138,000 लोगों की मौत का कारण बना था। इससे लैबुट्टा टाउनशिप के गिरने से 80,500 लोगों की मौत हुई थी। वही बोगाले में 10,000 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 55,000 लोग लापता हो गए थे। 

तोहोकु भूकंप और सुनामी 
11 मार्च 2011 को जापान में 2 बजकर 46 मिनिट पर भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 9 थी। जापान के अनुसार इस हादसे में 15,899 लोग मारे गए 6,152 घायल और 2,600 लापता हो गए थे।     

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